असल में हुआ ये की सारा दिन ऑफिस का काम करते-करते बोरियत होने लगी , सोचा थोड़ा रे-क्रेअशन ही कर लिया जाए ! अब मुल्ला जी की दौड़ सिर्फ़ मस्जिद तक और एक प्रोग्रामर की दौड़ गूगल भगवान के दर्शन तक !
यहीं सर्च करते करते कुछ ब्लाग पढने का सम्मान मिला ,बस यहीं से मुझे भी अपना ब्लाग बनने की सूझी बस फ़िर क्या था आना फानन में हमने भी ब्लाग बना ही डाला !
१० बरस बीत गए इस ब्लॉग महामारी को फैले हुए ! पर अभी तक हम इससे अछूते कैसे रह सकते है !
फ़िर सोचा की status symbol की ही खातिर कुछ लिखना चाहिये !(गाने -बेगाने किसी भी पार्टी में आप भी कह सकते है "मै तो एक अदद छोटा सा लेखक हु मै कहा आप के सामने कुछ हु !")
ब्लाग बना लिया और दिल को झूठी तसली देने के लिए लिखने का भी मानस बना लिया ! पर अब जिस समस्या से सामना हुआ उसे जितना छोटा समझा था यह उससे कुछ ज्यादा की विशाल थी !
समस्या यह थी की पहले तो जीवन मै कभी कुछ लिखा ही नही था ,और अब जो लिखने का मन बना ही लिया है तो कुछ लिखना भी पड़ेगा ही !
फ़िर कुछ सज्जनों के ब्लाग को याद किया जिन्हें मेने आज-कल में पढ़ कर ब्लाग बनाए की प्रेरणा ली थी !
पर कुछ समझ मे नही बैठा ,क्योकि सब प्रत्यक्ष-परोक्ष पत्रकारिता से जुड़े जान पड़े !
इस समस्या का भी समाधान भी नही हुआ था की दूसरी समस्या अपना विशाल मुख बाए खड़ी थी !
समस्या थी की अपनी मात्र(Only)-भाषा में कैसे लिखा जाए ! क्योकि हमने कुछ बरसो पहले अंग्रेजियत की गुलामी स्वीकार जो कर ली थी ! इसका एक फायेदा भी था -
एक तो आप अपना हिन्दी भाषा का अल्प-ज्ञान कहीं भी छुपा सकते थे !
खेर छोडिये इन सब बातो को अभी तक आपको हमारे हिन्दी भाषा की ज्ञान की गहराई मालूम हो चुकी होगी !
"हमाम मे सभी नंगे होते है " जैसा की मेरे एक परिचित अक्सर कहा करते थे ! का विचार मन मे ला कर हमने अपने ब्लाग लिखने के सपने को गति दी !
फ़िर मन में विचार आया की क्यो ना किस सज्जन की ब्लाग पर बे-सर पैर की टिपण्णी लिख दू (जैसा की आज कल चलन मे है !) जिससे अपने आप की कुछ लिखने के लिए मिल जाएगा !
पर फ़िर इस विचार को बल पूर्वक अपने मन से निकल फेका या ये कहे की इस बाण को बाद में फ़िर कभी प्रयोग के लिया सुरक्षित रख लिया !
फ़िर जब पेज को scroll करके ऊपर देखा तो लगा की काफी कुछ लिख लिया है ! सोचा महान लोग कम शब्दों मे ही अपनी बातें कहने को ही अच्छा मानते है !
इस लिए आज के लिए बस इतना ही !
विनोद शिवरायण
Tuesday, August 18, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
4 comments:
seedhe saral alfaaz..jaise saamne baith batiya rahe hon...bada hee achha laga padhna!
sirf word verification hata den,to achha rahega..
http://shamasansmaran.blogspot.com
http://kavitasbyshama.blogspot.com
http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot .com
आप बधाई के पात्र हैं
आप बधाई के पात्र हैं
narayan narayan
Post a Comment